पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव चरम पर, कूटनीतिक रिश्तों में दरार
नई दिल्ली। भारत-पाक सीमा पर एक नई तनातनी उस समय पैदा हो गई जब गुरुवार को पाकिस्तान रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान को हिरासत में ले लिया। यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं।
बीएसएफ जवान गलती से सीमा पार कर गया
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, 182वीं बटालियन के कांस्टेबल पी. के. सिंह को बुधवार को फिरोजपुर सेक्टर में पाकिस्तान की सीमा में अनजाने में प्रवेश करने के बाद हिरासत में लिया गया। उस समय कांस्टेबल सिंह पंजाब बॉर्डर पर किसानों के साथ तैनात था और छाया में विश्राम करने के लिए कुछ दूरी तक आगे बढ़ गया था।
जवान वर्दी में था और उसके पास सर्विस राइफल भी मौजूद थी। यह देख पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे तुरंत पकड़ लिया।
फ्लैग मीटिंग जारी, रिहाई की उम्मीद
बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच फिलहाल फ्लैग मीटिंग जारी है, जिसमें जवान की सुरक्षित रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और सामान्य प्रक्रिया के तहत जवानों को आपसी बातचीत के ज़रिए वापस सौंपा जाता रहा है।
पहलगाम हमले से उपजा नया तनाव
इस घटना की संवेदनशीलता इसलिए और बढ़ गई है क्योंकि दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, और हमले की जिम्मेदारी पाक समर्थित आतंकी संगठनों पर बताई जा रही है।
भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं—जिनमें सिंधु जल संधि की पुनर्समीक्षा, सार्क वीज़ा व्यवस्था का निलंबन और भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश शामिल है।
भारत की सख्ती, पाकिस्तान की चुनौतियाँ
इस घटना को भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला बताया है और साफ संकेत दिए हैं कि अब किसी भी सीमा उल्लंघन या आतंकी हमले को हल्के में नहीं लिया जाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि जवान की सुरक्षित वापसी दोनों देशों की वर्तमान कूटनीतिक स्थितियों की अग्नि परीक्षा भी है।
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