रांची । विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल रांची महानगर तथा विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को जिला स्कूल मैदान, रांची में सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्र हुए। सभी ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों द्वारा यात्रियों की नृशंस हत्या के विरोध में मौन श्रद्धांजलि अर्पित की और आक्रोश व्यक्त किया।
जिला स्कूल मैदान से आक्रोशित जनसैलाब अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च करते हुए "पाकिस्तान मुर्दाबाद", "देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को", "जय श्री राम", "भारत माता की जय" तथा "अब संघर्ष नहीं, रण होगा" जैसे गगनभेदी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पाकिस्तान विरोधी संदेशों वाली तख्तियां भी थीं।
"अब सहनशीलता नहीं, कठोरतम कार्रवाई चाहिए"
बजरंग दल के प्रांत संयोजक रंगनाथ महतो ने कहा कि कश्मीर घाटी में यात्रियों के साथ जिस क्रूरता से पहचान कर हत्याएं की गईं, वह 1990 के आतंकवाद की पुनरावृत्ति का संकेत है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि पाकिस्तान को ऐसी कठोर सजा दी जाए कि भविष्य में वह भारत के विरुद्ध षड्यंत्र करने से पहले सौ बार सोचे।
प्रांत अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत ने भी इस अमानवीय घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश अब और सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के स्लीपर सेल का भी तेजी से सफाया जरूरी है, ताकि देश के अंदर बैठे गद्दारों को भी सबक सिखाया जा सके।
"भारत की ताकत दुनिया देखे"
सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि भारत को अपनी ताकत का ऐसा प्रदर्शन करना चाहिए कि दुनिया भर में संदेश जाए कि भारत अपनी जनता की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
आक्रोश मार्च शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ लेकिन इसमें उबाल और सरकार से तत्काल कठोर कदम उठाने की मांग स्पष्ट दिखाई दी।

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