हफीजूल हसन के बयान पर बवाल: बाबूलाल मरांडी ने की मंत्री को बर्खास्त करने की मांग, प्रदेशभर में आंदोलन करेगी भाजपा
गिरिडीह/रांची, 15 अप्रैल 2025। झारखंड सरकार के मंत्री हफीजूल हसन द्वारा दिए गए शरीयत को संविधान से ऊपर मानने वाले बयान पर सियासी घमासान मच गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस बयान को राष्ट्रविरोधी और संविधान का अपमान बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।
गिरिडीह में आयोजित एक प्रेस वार्ता में श्री मरांडी ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि –“संविधान का सम्मान करने की शपथ लेकर मंत्री पद पर बैठे हफीजूल हसन ने देश की आत्मा पर चोट की है। उनका यह बयान अक्षम्य है और संविधान की अवहेलना है।”
कांग्रेस-झामुमो से भी जवाब तलब
बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार में सहयोगी दलों, खासकर कांग्रेस और झामुमो से स्पष्ट करने को कहा कि –“क्या वे मंत्री हसन के बयान से सहमत हैं या असहमत? यदि वे चुप रहते हैं, तो यह माना जाएगा कि पूरे गठबंधन की सोच वही है, जो मंत्री ने जाहिर की है।”
उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर नहीं करते हैं, तो यह साबित हो जाएगा कि पूरा INDI गठबंधन संविधान विरोधी मानसिकता से ग्रसित है।
बाबा साहब की जयंती पर "संविधान का अपमान"
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती के दिन इस बयान को सामने लाना, बाबूलाल मरांडी के अनुसार, एक सोच-समझकर किया गया संविधान का अपमान है। उन्होंने कहा –“यह बाबा साहब की शिक्षाओं का अपमान है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है।”
भाजपा करेगी प्रदेशव्यापी आंदोलन
मरांडी ने ऐलान किया कि भाजपा इस मुद्दे को लेकर झारखंड भर में आंदोलन चलाएगी। पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर जनता को बताएंगे कि कैसे INDI गठबंधन के नेता संविधान को नजरअंदाज कर शरीयत को तरजीह देना चाहते हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि – “INDI गठबंधन की तुष्टिकरण नीति ही है, जिसके कारण धार्मिक पर्व-त्योहारों पर तनाव, पत्थरबाजी और सांप्रदायिक घटनाएं बढ़ रही हैं।”
भाजपा ने हफीजूल हसन के बयान को लेकर झारखंड की सियासत में एक बड़ा मुद्दा बना दिया है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसपर क्या रुख अपनाते हैं और कांग्रेस-झामुमो इस संवेदनशील मसले पर क्या स्पष्टीकरण देते हैं।

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