नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2025: भारत ने सिंधु नदी जल प्रबंधन पर अपनी कूटनीतिक और रणनीतिक ताकत दिखानी शुरू कर दी है। भारत द्वारा सिंधु नदी के पानी को पाकिस्तान में ले जाने वाले चार चैनलों में से एक और चैनल का प्रवाह पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, और इसका वीडियो भी सार्वजनिक कर दिया गया है। इससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है।
पाकिस्तानी विशेषज्ञ खुद मान रहे हैं कि यदि भारत सिंधु नदी के जल प्रवाह में मात्र 10% की कटौती कर दे, तो पाकिस्तान की 30% खेती योग्य भूमि बंजर हो जाएगी। यदि भारत 20% पानी रोक ले तो मुल्तान, लाहौर सहित कई बड़े शहर पानी की भीषण किल्लत झेलने को मजबूर हो जाएंगे। और यदि भारत आधा पानी रोक दे, तो पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो सकती है, जिससे देशव्यापी हाहाकार मच जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत बिना एक भी गोली चलाए पाकिस्तान में भारी मानवीय संकट पैदा कर सकता है।
सौहार्दपूर्ण वातावरण की शर्त टूटी, भारत का दावा मजबूत
सिंधु जल संधि की प्रस्तावना में स्पष्ट उल्लेख था कि यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। अब भारत ने विश्व बैंक को सूचित कर दिया है कि जब सौहार्दपूर्ण वातावरण समाप्त हो गया है, तो भारत के पास समझौते को निलंबित करने या रद्द करने का पूरा अधिकार है।
अब तक जो पाकिस्तानी नेता चिल्लाते थे कि भारत सिंधु जल संधि को रद्द नहीं कर सकता, वे शायद यह महत्वपूर्ण शर्त पढ़ना भूल गए थे।
भारत के कदम रणनीतिक और आवश्यक
वर्तमान में गर्मी के मौसम में भारत के सिंधु बेसिन के जलाशय काफी हद तक सूख चुके हैं। भारत इन जलाशयों को भरने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग कर रहा है। यह भविष्य में भारतीय कृषि और जल सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
भविष्य की योजनाएँ: सतलज से महीसागर तक जल जोड़ो अभियान
उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में सिंधु नदी को सतलज से जोड़ने की योजना तेज होगी। सतलज को श्रीगंगानगर होते हुए महीसागर नदी से जोड़ने पर पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों के लाखों एकड़ क्षेत्र को सिंचाई और पेयजल के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा, जिससे भारत के भीतर जल संकट भी काफी हद तक समाप्त हो सकता है।

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