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गढ़वा में रोजगार सेवक रंगेहाथ घूस लेते गिरफ्तार, मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार उजागर

एसीबी की कार्रवाई में 5000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया कोरवाडीह पंचायत का रोजगार सेवक


गढ़वा।
गढ़वा जिले के कोरवाडीह पंचायत में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है, जहां मनरेगा योजना के तहत कार्यरत रोजगार सेवक गुलजार अंसारी को घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) पलामू की टीम ने की।

मनरेगा योजना के लाभार्थी से मांगी थी रिश्वत
यह मामला कोरवाडीह गांव का है, जहां मनरेगा के अंतर्गत एक डोभा निर्माण कार्य चल रहा है। योजना के लाभार्थी अखिलेश चौधरी ने जब अपने बकाया भुगतान और मास्टर रोल पर हस्ताक्षर के लिए रोजगार सेवक से संपर्क किया, तो गुलजार अंसारी ने 5000 रुपये की रिश्वत की मांग की।

शिकायत पर हुई कार्रवाई
अखिलेश चौधरी ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत पलामू एसीबी कार्यालय में दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद, एसीबी ने एक योजनाबद्ध कार्रवाई को अंजाम दिया।

गवाहों और दंडाधिकारी की मौजूदगी में गिरफ्तारी
बुधवार को दंडाधिकारी और दो स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में एसीबी टीम ने जाल बिछाया और गुलजार अंसारी को रिश्वत की राशि लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। उसे तुरंत हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

मनरेगा में भ्रष्टाचार पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से ग्रामीण विकास योजनाओं में फैले भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मनरेगा जैसी योजनाएं गरीबों और श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जाती हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर कार्यरत अधिकारी और कर्मी ही जब भ्रष्टाचार में लिप्त मिलते हैं, तो सरकार की मंशा और योजना दोनों पर पानी फिरता है।

क्या कहती है ACB?
एसीबी अधिकारियों के अनुसार, मामले में और भी तथ्यों की जांच की जा रही है। यदि इसमें अन्य कर्मियों की संलिप्तता सामने आती है, तो कार्रवाई का दायरा और बढ़ाया जाएगा।

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