ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय बोलीं — झारखंड के युवा देश-दुनिया में बना सकते हैं अपनी अलग पहचान
बेंगलुरु/रांची। झारखंड राज्य के कौशल विकास कार्यक्रम DDU-GKY के अंतर्गत प्रशिक्षित और देशभर में कार्यरत युवाओं के लिए रविवार को बेंगलुरु में एक भव्य एलुमनी मिलन समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पांडेय ने कहा, "झारखंड के युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि यदि अवसर और उचित मार्गदर्शन मिले, तो वे देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं।" उन्होंने युवाओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार न केवल उनके कौशल विकास बल्कि उनकी सुरक्षित और सम्मानजनक आजीविका सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।DDU-GKY के तहत प्रशिक्षित 850 युवा हुए शामिल
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में कार्यरत लगभग 850 प्लेस्ड अभ्यर्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियों — नृत्य, गीत और नाटकों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में "कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर" नामक एक विशेष पुस्तक का विमोचन भी किया गया, जिसमें DDU-GKY योजना की सफलता को दर्शाया गया है।
"स्किल आइकन" और प्रभावी एजेंसियों को किया गया सम्मानित
समारोह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों और प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटिंग एजेंसियों (PIAs) को "स्किल आइकन" सम्मान से नवाजा गया। मंत्री दीपिका पांडेय ने कहा कि इन युवाओं ने न सिर्फ अपने परिवारों का, बल्कि पूरे झारखंड राज्य का गौरव बढ़ाया है।
JSPLS के माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर निभा रहे अहम भूमिका
कार्यक्रम में JSPLS की सीईओ श्रीमती कंचन सिंह ने बताया कि बेंगलुरु और हरियाणा में स्थापित माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर के जरिए झारखंड के बाहर कार्यरत युवाओं को निरंतर सहयोग और मानसिक समर्थन प्रदान किया जा रहा है। यह सेंटर युवाओं की समस्याओं के समाधान में भी मदद कर रहे हैं।
झारखंड सरकार की प्रतिबद्धता
श्रीमती दीपिका पांडेय ने दोहराया कि झारखंड सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के हर युवा — विशेषकर महिलाओं — को कौशल विकास के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक 85,000 से अधिक युवाओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

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