श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में मंगलवार को पूरे विधि- विधान के साथ मनाया जाएगा पाप मोचनी एकादशी का व्रत
रांची । दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में 25 मार्च मंगलवार को चैत्र कृष्ण पक्ष की पाप मोचनी एकादशी का व्रत पूरे विधि- विधान के साथ मनाया जाएगा। इस पुण्य अवसर पर परात्पर ब्रह्म परमात्मा अखिललोक के स्वामी भगवान् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर का उद्यास्तमन सेवा के अंतर्गत महाभिषेक होगा । फिर श्रृंगार - अलंकार के बाद महाआरती महास्तुति और नैवैद्य भोग लगेगा। प्रातः 7:00 बजे से 12:00 बजे तक और सायं 4:00 बजे से 7:00 बजे तक आम श्रद्धालु दर्शन, पूजा और अर्चना करा सकेंगे ।
एकादशी व्रत के प्रभाव से वैकुंठ की प्राप्ति हो सकती है ।धरणीधर भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर भक्ति से ही वश में होते हैं ।भक्ति भाव से पूजित होने पर श्रीविष्णु -तिरुपति बालाजी सब मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। चक्रसुदर्शनधारी भगवान् श्रीहरि बालाजी की सदा भक्ति करनी चाहिए। आज एकादशी तिथि है। आज के दिन 8 वर्ष से अधिक और 85 वर्ष से कम आयु वाले मनुष्य को भोजन नहीं करना चाहिए। पृथ्वी के लोग सर्वपापनाशक एकादशी के दिन भोजन नहीं करते हैं तो उसके प्रभाव से भगवान विष्णु के धाम में चले जाते हैं। वह भी अकेले नहीं पितरों और पितामहों को भी साथ ले लेते हैं। इस लोक में व्रत करने वालों के पितर तो बैकुंठ लोक में जाते ही हैं उनके पितरों के पितर तथा माता के पिता- मातामह आदि भी विष्णु धाम को चले जाते हैं । फिर उन सब के भी जो पिता- माता आदि है उनके पूर्वज भी बैकुंठवासी हो जाते हैं। वैष्णवव्रत एकादशी का पालन करनेवाले भक्तों की जैसी उत्तम गति होती है ,वैसी गति और किसी को नहीं मिलती।

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