रांची। पारा थ्रो बॉल फेडरेशन ऑफ एशिया के तत्वाधान में दिनांक 26 से 30 मार्च 2025 कंबोडिया में आयोजित प्रथम एशियन पारा थ्रो बॉल चैंपियनशिप में भारतीय दल ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।
विदित हो कि प्रतियोगिता में भारत सहित आठ देशों ने भाग लिया। फाइनल में कंबोडिया की टीम श्रीलंका को हराकर एशियाई चैंपियन बनी जबकि श्रीलंका को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारतीय टीम को सेमीफाइनल में कांटे के मुकाबले में श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय दल आज रात चेन्नई पहुंचेगी जहां से झारखंड के खिलाड़ी रांची के लिए रवाना होंगे।
20 सदस्यीय भारतीय दल में झारखण्ड से कुल 12 दिव्यांग खिलाड़ी शामिल थे।
पुरुष वर्ग में मुकेश कंचन(कप्तान) सनोज महतो, मुकेश कुमार महतो, पवन लकड़ा, राजेश कुमार मेहता, और महिला वर्ग में प्रतिमा तिर्की, अनिता तिर्की, महिमा उरांव, संजुक्ता एक्का, पुष्पा मिंज, असुंता टोप्पो, तारामणि लकड़ा शामिल थे।
पारा थ्रो बॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ अल्बर्ट प्रेमकुमार ने कहा कि भारतीय दल के एक साथ प्रैक्टिस की कमी हार का कारण बनी जबकि स्थानीय टीम ने उपलब्ध सुविधा का लाभ उठाते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
पारा ओलम्पिक कमेटी झारखंड के अध्यक्ष, कमल अग्रवाल जो इस दल के साथ मैनेजर के रूप में शामिल थे ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के अलावे अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसमें भोजन प्रमुख है। अंतरराष्ट्रीय अनुभव टीम को और सशक्त बनाएगी।
झारखंड डिसेबल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता, पारा ओलम्पिक एसोसिएशन ऑफ़ झारखंड के सचिव सरिता सिन्हा , उपाध्यक्ष पतरस तिर्की, समाज सेवी जगदीश सिंह जग्गू, संजू कुमारी, शिवरानी कुमारी, आर्यन , झारखंड दिव्यांगजन फोरम, सहित अनेक दिव्यांगजन खिलाड़ियों एवं उनके संगठन ने भारतीय दल को बधाई दिया।

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