रांची। चैत्र नवरात्रि महापर्व महोत्सव के पावन अवसर पर गायत्री महामंत्र का जप अनुष्ठान में साधकों ने गायत्री युगतीर्थ शक्तिपीठ सेक्टर टू परिसर में नवरात्रि साधना में साधक-शिष्य, भाई-बहनों ने चौबीस हजार गायत्री महामंत्र जप-अनुष्ठान का सामूहिक संकल्प लेकर साधना अनुष्ठान में शामिल हुए।इस क्रम में परिव्राजक रणवीर कुमार ने बताया कि
हर महत्त्वपूर्ण कर्मकाण्ड के पूर्व संकल्प कराने की परम्परा है। कहा कि अपना लक्ष्य, उद्देश्य निश्चित होना चाहिए। उसकी घोषणा भी की जानी चाहिए। श्रेष्ठ कार्य घोषणा पूर्वक किये जाते हैं, संकल्प करने से मनोबल बढ़ता है।स्थूल घोषणा से सत्पुरुषों का तथा मन्त्रों द्वारा घोषणा से सत् शक्तियों का मार्गदर्शन और सहयोग मिलता है।संकल्प में गोत्र का उल्लेख भी किया जाता है। गोत्र ऋषि परम्परा के होते हैं। यह बोध किया जाना चाहिए कि हम ऋऋषि परम्परा के व्यक्ति हैं, तदनुसार उनके अनुरूप कार्यों को करने का उपक्रम उन्हीं के अन्तर्गत करते है॔। संकल्प धारण में सभी सामाग्री निःशुल्क थे। प्रतिदिन जप, यज्ञ, एवं संस्कार प्रकरण पर प्रकाश डालकर बताया गया कि सभी संस्कार भी निःशुल्क होंगे।संकल्प में अधिक परिजन होने से तीन कुण्डीय महायज्ञ आयोजन भी किए गए। गुरुवर श्रीआचार्य के युग निर्माण सत्संकल्प का पाठ भी करने का परामर्श दिया गया और सभी आगन्तुकों को हिन्दु वैदिक नव वर्ष संवत्सर और चैत्र नवरात्रि महापर्व पर सभी को हार्दिक बधाई और स्वस्थ-सुखद जीवन, शुभ व स्वच्छ वातावरण विस्तार और उज्जवल भविष्य की मंगलमय स्वस्तिवाचन किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं: